
शास्त्रों के अनुसार माघ का महीना त्यौहारों का महीना कहा जाता है मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है।https://indiatime6067.com/
इस दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है।
शिक्षा आपको सच बोल पाने का साहस देती है और परिपक्वता सच को सुनने का ।
— सनातन साहित्य 🔱 (@SanatanSahitya) February 2, 2025
~प्रह्लाद पाठक#बसंत_पंचमी #BasantPanchami pic.twitter.com/BVVR0WK2Aq
इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यो के लिये उपयुक्त माना जाता है।
आज ही के दिन 2 फरवरी को बसंत पंचमी मनाया जा रहा है
जिसकी पंचमी तिथि प्रारंभ — 2 फरवरी प्रातः काल 9:14 मिनट
पंचमी तिथि समाप्त — 3 फरवरी प्रातः काल 6: 52 मिनट
सरस्वती पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त — प्रातः काल 7:09 मिनट
पूजा -विधि: प्रातः काल स्नान कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उस पर मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कलश , फूलों की माला , पीला गुलाल ,रो, कलश, सुपारी, पान का पत्ता, अगरबत्ती, आम के पत्ते , धूप , गाय का घी कपूर दीमक रक्षा सूत्र भगवान गणेश और नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती की पूजा करें।https://indiatime6067.com/railway-budgat/